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10.5 लाख तक की सैलरी पूरी तरह TAX FREE करे, टैक्स बचाने के 6 तरीके

Total सैलरी TAX FREE बनाने के तरीके

10.5 लाख तक की सैलरी, एक नए कर परिवर्तन के मार्ग में, प्रचुर उत्कृष्टता और अदृढ़ता के साथ, पूरी तरह से टैक्स रहित है। इस निर्माण के दौरान, 6 अद्वितीय चरणों के माध्यम से पूरानी व्यवस्था की शेष धाराएं बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक विचारशील मौसम है, और उच्च आमदन वाले व्यक्तियाँ अब अपने करों को अधिक से अधिक प्रभावी रूप से प्रबंधित करने की मिशन में हैं।

केंद्र सरकार ने एक नई कर(TAX) व्यवस्था की शुरुआत की है, जिसमें 7 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की पेशकश की गई है, जबकि पुरानी कर व्यवस्था 5 लाख रुपये तक की आय पर छूट प्रदान करती है। इस भ्रमपूर्ण परिवर्तन में, आपकी वार्षिक आय इन सीमाओं से अधिक होने पर, आपको कर भुगतान करने की उत्तरदाता बन सकती है।

TAX स्लैब को समझना:

पुरानी कर व्यवस्था के अंतर्गत, आयकर नियम तय करते हैं कि 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक कमाई पर कोई कर नहीं लगेगा। 2.5 से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5% टैक्स लगता है, जबकि 5 से 10 लाख रुपए तक की आय पर 20% टैक्स लगता है। 10 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर टैक्स स्लैब 30 फीसदी है। यह सब अदृढ़ और उल्लेखनीय रूप से रखा जा सकता है।

TAX बचत के  तरीके:

1. मानक कटौती: व्यक्ति 50,000 रुपये तक की कटौती के लिए पात्र हैं। इसलिए, यदि आपकी आय 10 लाख रुपये है, तो 50,000 रुपये काटने के बाद शेष राशि पर आपको टैक्स देना होगा।
2. TAX बचत योजनाओं में निवेश: पीपीएफ, ईपीएफ, ईएलएसएस, एनएससी जैसी योजनाओं में निवेश करके आप धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं। इस प्रकार, आपकी कर योग्य आय 10 लाख रुपये से घटकर 8.5 लाख रुपये हो जाएगी। यह विचारशीलता और अदृढ़ता का एक उत्कृष्ट उदाहरण हो सकता है।
3. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस): एनपीएस में सालाना 50,000 रुपये तक का निवेश धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त कटौती के लिए पात्र है। इससे आपकी कर योग्य आय 8 लाख रुपये तक कम हो सकती है। यह भ्रांतिपूर्ण और विस्तारशील रूप से व्याख्या किया जा सकता है।
4. होम लोन ब्याज: 2 लाख रुपये तक के होम लोन ब्याज भुगतान धारा 24बी के तहत कर बचत के लिए पात्र हैं। इसे आपकी आय से घटाने पर आपकी कर योग्य आय 8 लाख रुपये से घटकर 6 लाख रुपये हो जाती है। यह उत्कृष्टता और असमर्थता का एक उदाहरण हो सकता है।
5. मेडिकल बीमा प्रीमियम: धारा 80डी के तहत 25,000 रुपये तक के मेडिकल बीमा प्रीमियम का भुगतान करने से आप टैक्स बचा सकते हैं। अपने जीवनसाथी और बच्चों को पॉलिसी में जोड़ने से बचत बढ़ सकती है। इसे घटाकर आपकी टैक्सेबल इनकम 5.25 लाख रुपये हो सकती है। यह एक चौंकाने वाले और अनूठे पहलुओं का सामंजस्यपूर्ण उदाहरण हो सकता है।
6. दान: धर्मार्थ संगठनों को दान करने पर धारा 80जी के तहत 25,000 रुपये तक की कर कटौती मिलती है। इस कटौती के बाद आपकी आय 5 लाख रुपये तक के टैक्स स्लैब में आ जाती है, जहां आयकर नियमों के मुताबिक कोई TAX नहीं लगता है। यह भ्रांतिपूर्ण और अतिरिक्त रूप से सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।

तरीके कटौती राशि (₹) करयोग्य आय उदा. (₹10,00,000) परिणामी करयोग्य आय (₹)
मूल छूट (पुरानी व्यवस्था)  N/A 10,00,000 10,00,000
1.मानक कटौती 50,000 10,00,000 9,50,000
2.TAX बचत योजनाओं में निवेश 1,50,000 9,50,000 8,00,000
3.राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 50,000 8,00,000 7,50,000
4.गृह कर्ज ब्याज 2,00,000 7,50,000 5,50,000
5.मेडिकल बीमा प्रीमियम 25,000 5,50,000 5,25,000
6.दान 25,000 5,25,000 5,00,000

इस कटौती के बाद आपकी आय 5 लाख रुपये तक के टैक्स स्लैब में आ जाती है, जहां आयकर नियमों के मुताबिक कोई TAX नहीं लगता है।

OLD TAX व्यवस्था के तहत TAX स्लैब:

आय सीमा (₹) कर के दर
2,50,000 तक 0%
2,50,001 से 5,00,000 5%
5,00,001 से 10,00,000 20%
10,00,000 से ऊपर 30%

इन तरीके को लागू करके, आप अपने करों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं और अपनी बचत को अनुकूलित कर सकते हैं, जिससे एक अद्वितीय और उत्कृष्ट वित्तीय पथ बन सकता है।

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